दूरियाँ अक्सर दिलों में हुआ करती हैं ; इलज़ाम मंज़िलें ले जाती हैं
कमज़ोरियाँ अक्सर इरादों में होती हैं ; इलज़ाम दुनिया ले जाती हैं
खामियां अक्सर नज़रिये में होती हैं; इलज़ाम फनकार ले जाते हैं
वक़्त नहीं है गिनता दूरियों को; घड़ियाँ तो करीब रह कर भी कम पड़ जाती हैं
हर रिश्ते की नींव मजबूत नहीं होती; हर जंग में जीत नहीं होती
हर मोहब्बत मुकम्मिल नहीं होती; हर दुआ कबूल नहीं होती
ज़िन्दगी की फितरत ही है ऐसी यारों; हर वजह की भी वजह नहीं होती
चंद लम्हे कुछ दोस्तों के भरोसे न होती; तो ये ज़िन्दगी उम्मीद के सहारे भी न होती
ज़िंदा हूँ इस तरह कि ग़मे रौशनी नहीं
जलता हुआ दिया हूँ मगर रौशनी नहीं
ज़िन्दगी में बड़ी शिद्दत से निभाओ अपना किरदार,
कि पर्दा गिरने के बाद भी तालियाँ बजती रहे
रेत पे नाम लिखते नहीं ; क्योँ कि रेत पे नाम टिकते नहीं !
हमें भले हि आप पत्थर दिल समझें ; पत्थर पे लिखे नाम कभी मिटते नहीं !!
रेत पे नाम लिखते नहीं ; क्योँ कि रेत पे नाम टिकते नहीं !
हमें भले हि आप पत्थर दिल समझें ; पत्थर पे लिखे नाम कभी मिटते नहीं !!
ज़िंदगी मैं हमेशा नए लोग मिलेंगे ; कहीं ज़यादा तो कहीं कम मिलेंगे !
एतबार ज़रा सोच के करना ऐ दोस्त ; मुमकिन नहीं हर जगह तुम्हें हम मिलेंगे !!
दोस्ती अच्छी हो तो रंग लाती है ; दोस्ती गहरी हो तो सबको भाती है ;
दोस्ती नादान हो तो टूट जाती है ; पर अगर दोस्ती अपने जैसी हो, तो इतिहास बनाती है !!
आंखों की जुबां ये आँसू कहते हैं ; चुप रहते हैं लेकिन फिर भी बहते हैं !
इन आंसुओं कि किस्मत तो देखिये; ये उनके लिए बहते हैं जो आंखों में ही रहते हैं !!
ना जाने उस पर इतना यकीन क्यों है ? उस का ख्याल इतना हसीन क्यों है ?
सुना है प्यार का दर्द मीठा होता है; तो फिर आंखोसे निकले आंसू नमकीन क्यों हैं ?